जीवन-निर्वाह अर्थव्यवस्था ' में जीने वाला, सापेक्षत: स्वायत्त अस्तित्व वाला कारीगर या मजदूर नहीं है बल्कि ‘ पूँजी के मुख्य परिपथ ' का हिस्सा है।
2.
रिले एक विद्युत स्विच या कुंजी है जो एक दूसरे विद्युत परिपथ के द्वारा खोली या बंद की जाती है जो कि मुख्य परिपथ से असम्बद्ध (आइसोलेटेड) होती है।
3.
दोनों प्रकार के यंत्रों में, अज्ञात विभावंतर को विभवमापी के मुख्य परिपथ के आंशिक विभवांतर से पूर्णतया संतुलित कर लिया जाता है, किंतु प्रत्यावर्ती धारा का विभवमापी में संतुलन से लाया हुआ विभव केवल परिमाण में ही बराबर नहीं होना चाहिए वरन् प्रावस्था (
4.
इसके अतिरिक्त मज़दूरों का एक ऐसा भी हिस्सा है, जो प्रत्यक्षत: ' पूँजी के मुख्य परिपथ ' में नहीं होता है, उसका अस्तित्व सापेक्षत: स् वायत् त होता है और काफी हद तक वह ' जीवन-निर्वाह अर्थव्यवस्था ' में जीता है।
5.
बेशक, जैसाकि पहले ही बताया जा चुका है, समूचे अनौपचारिक क्षेत्र का चरित्र समरूपी नहीं है, उसमें एक छोटी-सी ऐसी बिखरी हुई मेहनतकश आबादी भी है जो पूँजी के मुख्य परिपथ से पृथक्कृत है और कुछ ऐसे छोटे उत्पादक भी हैं, जो अधिशेष का विनियोजन करते हैं।
6.
आज छोटे-छोटे वर्कशापों के ठेका, दिहाड़ी व कैजुअल मजदूर और बड़े कारखानों के ठेका मजदूर आधुनिक उत्पादन के उपकरणों पर काम करने वाले आधुनिक सर्वहारा हैं, जो ‘ पूँजी के मुख्य परिपथ ' के हिस्सा हैं और विश्व बाजार के लिए कार से लेकर जूते तक का उत्पादन करने वाली ‘ अदृश्य, विखण्डित, भूमण्डलीय असेम्बली लाइन ' पर काम करते हैं।